रोग-प्रबंधन :
फल-सड़न - (फाइटोफ्थोरा निकोटियने वेरा. पारासाइटिका डस्तुर)
लक्षण: संक्रमण स्टाइलर अग्र भाग और फलों पर गोलाकार भूरे धब्बे के रूप में प्रारंभ होता है। फल के पकने पर तीव्र गति से सफेद कॉटन जैसी वृद्धि दिखाई देती है और आर्द्र मौसम के दौरान 3-4 दिनों में ही पूरे सतह पर फैल जाती है। डंठल और फल नरम हो जाते हैं तथा फल का रंग हल्के भूरे से गहरा भूरा हो जाता है और इसमें से एक विशेष बद्बू निकलता है। फलों पर होने वाले प्रारंभिक संक्रमण से भण्डारण के दौरान फल सड़ जाते हैं।
रोग विज्ञान: उच्च आनुपातिक आर्द्रता (>70%) और 20-27.5° सेल्शियस के बीच का तापमान इस बीमारी के लिए बहुत ही अनुकूल होता है। वर्षा की कुल मात्रा की अपेक्षा लंबी अवधि तक चलने वाली वर्षा इस बीमारी के फैलने के लिए अनुकूल होती है।
प्रबंधन: साप्ताहिक अंतराल में ए1 फोस्फोनेट (एलियेट 0.2% + इंडोफिल डायथेन एम-45 (0.2%) या फोस्फोनिक अम्ल (फाइटोलेक्सिन (0.3%) या अकोमिन (0.3%) के छिड़काव से इस बीमारी का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है। संक्रमित फलों को निकालकर नष्ट करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।