फसल-उत्पादन
अमरूद (सिडियम ग्वाजवा) : अमरूद फैलने वाली शाखाओं वाले छोटे पेड़ों पर लगते हैं और पेड़ 6 मीटर ऊँचाई एवं 9 मीटर फैलाव तक बढ़ते हैं। अक्सर अमरुद के पौधों को एक ही तने के रूप में बढ़ने दिया जाता है। एक समान एवं संतुलित बढ़वार और आकार के लिए पौधों की छँटाई आवश्यक है। चयनित बहार में पुष्पण से पहले उचित छँटाई की अनुशंसा की जाती है। छँटाई उत्पादका बढ़ाती है और विभिन्न कार्यों, जैसे छिड़काव, तुड़ाई आदि, को आसान बना देती है। अमरूद में वर्ष भर फल लगते हैं।
कटाई-छँटाई
- कटाई-छँटाई: शाखाओं को बहुत अधिक फसल-धारण के लिए उपयुक्त मज़बूत ढाँचा और मचान प्रदान के लिए अमरूद की कटाई-छँटाई उपज और फल की गुणवत्ता बढ़ाते पाई गई। छँटाई में मध्य भाग खुला रखने का तरीका अच्छा पाया गया, जिसमें पौधों को 1 मी. की ऊँचाई तक ले जाता है, जहाँ से प्रारंभिक ढाँचे के लिए चार मुख्य टहनियों को बरकरार रखा जाता है। इन टहनियों को 3-4 महीने बढ़ने दिया जाता है और बाद में फिर से 1/3 से 1/2 की लंबाई तक काट दिया जाता है ताकि जहाँ से काट दिया गया है उसके नीचे के मुकुल से कई टहनियाँ निकलें। प्रारंभिक ढाँचा बनाने के बाद, दो भाग की टहनियों को बढ़ने दिया जा सकता है और चयनित शाखाओं को फिर से दुगुना करने की प्रक्रिया जारी रहती है। चूँकि फूल वर्तमान टहनियों में लगते हैं, इसलिए तुड़ाई के बाद नई टहनियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए पिछले मौसम की वृद्धि से अग्र भाग की 10-12 से.मी. की हल्की छँटाई मददगार होती है। धड़ के सतह से और ढाँचे के बगल से निकलने वाले कल्लों की प्रति वर्ष छँटाई करें। मृत, रोग-ग्रस्त, सघन और सूखी सभी टहनियों को निकाल दिया जाए।